हवाई जहाज या अन्य विमानों में इंटरनेट की सुविधा कैसे दी जाती है ?

Why & How 

#हवाई जहाज या अन्य विमानों में इंटरनेटकी सुविधा कैसे दी जाती है ?
              

दुनिया भर की बहुत सी हवाई जहाज वाली कंपनियां अपने विमानों में कॉल और इंटरनेट की सुविधा देती है। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि यह सब सुविधाएं यात्रियों को आखिर दी कैसे जाती हैं। आज हम आपको इसी के बारे में बता रहे हैं। विमानों में कॉल और इंटरनेट की  सुविधा 2 तरीकों से दी जाती है।

1. पहला तरीका - मैदान में स्थित मोबाइल ब्रांडबैंड टावर की मदद से 
जब विमान मैदानी भागों के ऊपर उड़ रहा होता है तब मैदान में स्थित मोबाइल ब्रॉडबैंड टावर की मदद से विमान के एंटीना तक सिग्नल पहुंचाई जाती है। जैसे जैसे विमान अलग-अलग स्थानों से होकर गुजरता है वह खुद-ब-खुद करीब वाले टावर के सिग्नल से कनेक्ट हो जाता है। इस प्रकार विमान में कॉल और इंटरनेट की सुविधा यात्रियों को लगातार मिलती रहती है और यह कभी बंद नहीं होता।
लेकिन जब हवाई जहाज या कोई और विमान नदियों, झीलों, सागरों, महासागरों, पहाड़ी इलाकों या कोई दुर्गम स्थानों के ऊपर से गुजरती है तो कनेक्टिविटी में दिक्कत हो जाती है। इस प्रकार की परेशानियों से बचने के लिए जिस तकनीक का उपयोग किया जाता है हम आपको उसी  दूसरा तकनीक के बारे में बता रहे हैं।

2.दूसरा तरीका - सेटेलाइट तकनीक की मदद से 
जब विमान दुर्गम स्थानों से होकर गुजरती है जहां मोबाइल ब्रॉडबैंड टावर लगाना संभव नहीं है। उस स्थान पर सेटेलाइट तकनीक की मदद ली जाती है। पृथ्वी से लगभग 36000 किलोमीटर ऊपर मौजूद भूस्थिर उपग्रह की मदद ली जाती है। यह वही सेटेलाइट है जिसके जरिए हम लोग अपने घरों में टेलीविज़न देखते हैं। विमान दुर्गम स्थानों के ऊपर उड़ रहा होता है तब वह भुस्थिर कक्षा में मौजूद सेटेलाइट से कनेक्ट करता है। सैटेलाइट विमान के रिसीवर और ट्रांसमीटर को सिग्नल भेजता है और विमान के रिसीवर सिग्नल को लपकता है। इस प्रकार से विमान में बैठे सभी यात्रियों को बिना कोई परेशानी के कॉल और इंटरनेट की सुविधा लगातार मिलती रहती है और यात्री इस सुविधा का भरपूर आनंद ले पाते हैं।

#Hawai jahaj me internet ki subidha kaise di jati hai? Internet in aeroplane.

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