महासागर (Ocean)

                   महासागर (Ocean)

प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) - प्रशांत महासागर विश्व का सबसे बड़ा और सबसे गहरा महासागर है। यह एशिया तथा अमेरिका को अलग करता है। यह अटलांटिक महासागर के दुगने से अधिक बड़ा है। इसका विस्तार फिलीपींस से लेकर पनामा तक तथा बेरिंग जलडमरूमध्य से लेकर अंटार्कटिका तक फैला हुआ है। इसकी आकृति त्रिभुजाकार है। यह पृथ्वी के पूरे धरातल का एक तिहाई भाग को ढकता है। इसका सबसे गहरा स्थान मेरियाना गर्त है, इसकी गहराई लगभग 11 किलोमीटर है इसलिए इसे चैलेंजर गर्त भी कहा जाता है। इसके तटो पर रूस, जापान, चीन, कोरियाई देश, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, चिल्ली, पेरू, पनामा, मैक्सिको, अमेरिका और कनाडा जैसे बड़े देश स्थित है। प्रशांत महासागर में बेरिंग सागर, अखोटस्क  सागर, जापान सागर, चीन सागर, कैलिफोर्निया की खाड़ी स्थित है। खूबसूरत प्रवाल भित्तियां प्रशांत महासागर की प्रमुख विशेषता है। ऑस्ट्रेलिया के  क्वींसलैंड के समीप संसार की सबसे बड़ी प्रवाल भिती है। जिसे ग्रेट बैरियर रीफ के नाम से जाना जाता है। संसार के सबसे गहरे गार्तो में से एक टोंगा और मिंडनाओ प्रशांत महासागर में स्थित है। टेक्टॉनिक प्लेटो के गति के कारण प्रशांत महासागर लगातार सिकुड़ रहा है।

अंध महासागर (Atlantic Ocean) - यह दुनिया का सबसे बड़ा महासागर है। यह अफ्रीका तथा यूरोप को अमेरिका से अलग करता है। यह पूरे पृथ्वी का छठा भाग घेर रखा है। इस महासागर का आकार अंग्रेजी के S अक्षर किस तरह है। इसके पूर्व में यूरोप तथा अफ्रीका, पश्चिम में उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिणी अमेरिका, उत्तर में ग्रीनलैंड तथा दक्षिण में अंटार्कटिका है। यह संसार का सबसे व्यस्त महासागर है। अटलांटिक महासागर में बेफीन की खाड़ी, हडसन की खाड़ी, उत्तरी सागर, बाल्टिक सागर, मेक्सिको की खाड़ी, भूमध्य सागर, कैरीबियन सागर महत्वपूर्ण सागर है। मध्य अटलांटिक कटक ( Mid-Atlantic Ridge) अटलांटिक महासागर की प्रमुख विशेषता है। यह अमेरिकन प्लेट और यूरेशियाई प्लेट की सीमा है। अमेरिकन प्लेट पश्चिम की ओर खिसक रही है तथा यूरेशियाई प्लेट पूर्व की ओर खिसक रही है जिसके कारण अटलांटिक महासागर का आकार लगातार बढ़ रहा है, वहीं इसके कारण प्रशांत महासागर लगातार सिकुड़ रहा है। अटलांटिक महासागर का सबसे गहरा  स्थान प्युरिटो रिको गर्त है। जो लगभग 8 किलोमीटर गहरा है। व्यस्त होने के कारण अटलांटिक महासागर आर्थिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है।

हिंद महासागर (Indian Ocean) - यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है। इसके उत्तर में भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण में दक्षिणध्रुवीय महासागर, पूर्व में ऑस्ट्रेलिया तथा पश्चिम में अफ्रीका है। इसमें संपूर्ण विश्व का 20% जल समाहित है। यह एकमात्र महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम पर पड़ा है। हिंदुस्तान के नाम पर इसका नाम हिंद महासागर पड़ा है। इसके अंतर्गत अरब सागर, बंगाल की खाड़ी, लाल सागर, फारस की खाड़ी जैसे बड़े समुद्र आते हैं। विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी बंगाल की खाड़ी है, जो हिंद महासागर का पूर्वोत्तर भाग है। मेडागास्कर हिंद महासागर का सबसे बड़ा द्वीप है। हिंद महासागर का सबसे गहरा स्थान सुंडा गर्त है। यह पूर्व में प्रशांत महासागर से तथा पश्चिम में अटलांटिक महासागर से मिला हुआ है। स्वेज नहर के खुल जाने से यह आर्थिक गतिविधि का केंद्र बन गया है। यह तेल के व्यापार की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसके तट पर खाड़ी देश स्थित हैं। भारत के दक्षिण पश्चिम तट के समीप लक्षद्वीप तथा मालदीव है जो प्रवाल द्वीपो का उदाहरण है।

उत्तरध्रुवीय महासागर (Arctic Ocean) - यह संसार का सबसे छोटा महासागर है। यह पूरी तरह से उत्तरी अमेरिका और यूरेशिया से घिरा हुआ है। इसमें अधिकतर मीठे पानी वाली नदियां गिरती है जिसके कारण इसका जल अन्य महासागरों की तुलना में कम खारा है। यह पूर्णत: उत्तरी ध्रुव पर स्थित है। इसका तापमान और लवणता मौसम के अनुसार बदलती रहती है। ग्रीष्म ऋतु में इसका लगभग 50% बर्फ पिघल जाता है।

दक्षिणध्रुवीय महासागर ( Antarctic Ocean) - यह संसार का चौथा सबसे बड़ा महासागर है। यह पूरी तरह से अंटार्कटिका महाद्वीप को घेरे हुए है। यह दक्षिणी ध्रुव के पास स्थित है।

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